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चिकनगुनिया होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

 चिकनगुनिया होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार



चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है और इसके लक्षण डेंगू जैसे ही होते हैं। यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है और इसके लक्षण एक साधारण बुखार के समान होते हैं जिससे यह समझना मुश्किल हो जाता है कि यह डेंगू है या चिकनगुनिया। ऐसे समय में रक्त परीक्षण द्वारा निश्चित निदान करना बहुत जरूरी है।

आज हम चिकनगुनिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे।

यदि बुखार 39 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है और अत्यधिक कमजोरी और जोड़ों में दर्द के लक्षण हैं तो चिकनगुनिया होने की संभावना अधिक होती है। बुखार दो दिनों तक रहता है और अचानक कम हो जाता है। यह बीमारी एक खास तरह के वायरस से फैलती है। बिना डॉक्टरी जांच के बीमारी का पता नहीं चलता है। इसलिए बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

चिकनगुनिया होने के कारण

चिकनगुनिया से संक्रमित मरीज को काटने वाला मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटता है और दो चार दिन में स्वस्थ व्यक्ति भी चिकनगुनिया से संक्रमित हो जाता है। इस तरह मच्छर इस बीमारी को फैलाते हैं। संक्रमित रोगी को पहले दो दिनों तक तेज बुखार होता है।

हालांकि यह बीमारी जानवरों में पाई जाती है, लेकिन यह मुख्य रूप से इंसानों को प्रभावित करती है।

चिकनगुनिया के लक्षण
संक्रमण के बाद चिकनगुनिया के लक्षण दिखने में दो से चार दिन लगते हैं। इस अवधि के दौरान मुख्य लक्षण बुखार है। साथ ही निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं।

1. हाथ-पैर पर चट्टो के निशान।

2. तीव्र जोड़ों का दर्द

3. सिरदर्द, बदनदर्द और थकान

4. आँखों में दर्द या आँखें आना

5. पीठ दर्द

7. बुखार कम होने पर भी,बाकी लक्षण कुछ हफ्तों तक दिखाई दे सकते हैं

8. किशोरों और बुजुर्गों को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।

चिकनगुनिया से बचाव कैसे करें?
चिकनगुनिया फैलने का मुख्य कारण मच्छर हैं। चिकनगुनिया से बचाव के लिए मच्छरों से खुद को बचाना सबसे अच्छा तरीका है।

सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करके, घर पर मच्छर भगाने वाली मशीन का उपयोग करके, शरीर पर मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाकर, घर और बाहरी क्षेत्र को साफ रखना, खाली बर्तन, बर्तन आदि में पानी जमा न करना और बाहर जाते समय पूरे शरीर को ढक कर किया जा सकता है।

इसके अलावा घर में कपूर जलाना, आँगन में या खिड़की में तुलसी लगाना भी लाभकारी होता है।

शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए हमेशा खूब पानी पिएं।

चिकनगुनिया के मामले में आहार क्या होना चाहिए?

1. रोजाना नारियल पानी पिएं।

2. हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खाएं।

3. रोजाना सब्जी का सूप पिएं।

4. खूब फल खाएं। मुख्य रूप से केला और सेब खाएं।

5. विटामिन सी और विटामिन ई से भरपूर आहार लेना चाहिए। इनमें मुख्य रूप से संतरा, खट्टे फल, नींबू और अखरोट, बादाम शामिल हैं।

6. खूब पानी पिए।

7. मांसाहार की मात्रा कम करना।

चिकनगुनिया के घरेलू उपचार
लोग अस्पताल जाने के बजाय घरेलू उपचार से बेहतर महसूस करते हैं। चिकनगुनिया पर निम्नलिखित घरेलू उपचार कारगर हो सकते हैं।

1.भरपूर पाणी पियें
चिकनगुनिया में बुखार की वजह से शरीर में पाणी की कमी होती है। ऐसे में रोगी को खूब पानी पीना चाहिए।

2. डेअरी प्रोडक्टस
चिकनगुनिया के मरीजों को दूध, दही, घी, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए। इसलिए पोषक तत्वों का संयोजन रोग को नियंत्रित करने में मदद करता है।

3. दूध और हल्दी
गर्म दूध में हल्दी मिलाकर रोज रात को पीने से चिकनगुनिया रोग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

4. शोगे की फली
शोगे की फली का सेवन लाभकारी होता है। इसका सूप बनाकर पीना बहुत फायदेमंद होता है।शोगे के पत्ते चिकनगुनिया के लिए भी अच्छे होते हैं।

5. तुलसी
तुलसी के पत्तों का रस पीने से गले की खराश और बुखार में लाभ होता है।

6. गुड़हल

गुडहल के पत्ते या गुडहल की एक ग्राम कैप्सूल लेने से लाभ होता है।

7. पपाया(पपीता)के पत्ते का रस
शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने और चिकनगुनिया के प्रभाव को कम करने के लिए पपीते के पत्ते के रस को निकालें और हर दो घंटे में तीन चम्मच रस का सेवन करें।

8. लहसुन
चिकनगुनिया के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द के लिए लहसुन अच्छा है। लहसुन की दस-बारह कलियों को काटकर उसमें पानी डालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को दर्द वाले जोड़ों पर लगाएं। दो से तीन घंटे बाद धो दें। इससे बड़ा फर्क पड़ता है।

9. शहद और नींबू
गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है। इससे इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। यह संक्रमण को कम करने में भी मदद करता है।

10. सब्ज़ीयो का सूप
विभिन्न सब्जियों के साथ-साथ टमाटर का सूप बनाकर उसे पीने से चिकनगुनिया में लाभ होता है।

11. ओमेगा थ्री फैटी एसिड

दालें, आलसी के बीज और अखरोट ओमेगा थ्री फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। इनका नियमित सेवन करना चाहिए।

12. केला 
केले में स्टार्च और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसमें चीनी कम होती है । केला खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है।

13. गाजर
कच्ची गाजर के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

14. नारियल पाणी
चिकनगुनिया होने पर दिन में दो बार नारियल पानी पीना फायदेमंद होता है। इससे डिहाइड्रेशन कम होता है और शरीर को पोषण मिलता है।

15. आइस पैक
बुखार उतर जाने के बाद चिकनगुनिया के कारण होने वाले शरीर के दर्द के लिए आइस पैक यानी बर्फ से सेकना फायदेमंद होता है। यह उपाय किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

तो ये है चिकनगुनिया होने के बाद कुछ घरेलू उपचार। इन उपायों को नियमित करने से निश्चित रूप से चिकनगुनिया को ठीक करने में मदद मिलती है। लेकिन अगर एक हफ्ते तक घरेलू नुस्खों को करने के बाद भी फर्क नहीं पड़ता है, तो आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

आपको आया हुआ बुखार किस प्रकार का है निश्चित करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना भी महत्वपूर्ण है। इस लेख में दी गई जानकारी का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठायें। साथ ही साथ इस जानकारी को अपने दोस्तों में और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें।

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Irfan Shaikh.. ✍️

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