क्या आप भी अख़बार में लिपटा हुआ खाना खाते है तो हो जाइये सावधान..?
नई दिल्ली। अक्सर हम लोग चाय-पकौड़े आदि नाश्ते का सामान अखबार में लपेटकर रख देते हैं और उसी में खाने लगते हैं। देखने में तो ये एक मामूली-सी बात लगती है। मगर क्या आपको पता है ये सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। तो कैसे ये हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है और कौन-सी बीमारी होने का खतरा रहता है आइए देखते हैं
भारत के लोगों को इससे जुड़ी बहोत ही कम मालूमात है कि कुछ तो दुकानदार भी खाने पीने से जुड़ी चीजों को अखबार के अंदर लपेटकर देते हैं। यहां तक कि कुछ लोग तो छोले भठूरे खाते वक़्त भठूरे का जो तेल होता है वो तेल पोछने के लिए हम अखबार का इस्तेमाल करते हैं। आइये जानते हैं के ऐसा करना क्यों सेहत के लिए ख़तरनाक है?
1. अखबार में लिपटकर खाना रखने, खासतौर पर कोई गर्म पदार्थ रखने से अखबार की प्रिंटिंग में इस्तेमाल हुआ श्याही खाने पर लग जाता है। ये स्याही शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है। क्योंकि इस श्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट और डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैस खतरनाक केमिकल्स होते हैं।
2. ये जो रसायन है जब गर्म खाने के संपर्क में आ जाते हैं तो ये बायोएक्टिव तत्व को एक्टिव कर देते हैं। जिससे ये खाने में मिलने लगता जाता है और खाना खाने से जहरीले तत्व पेट तक पहुंच जाते हैं।
3. ये जो अखबार की स्याही होती है ना किसी कार्ड बॉक्स में इस्तेमाल होने वाले रसायन से कम नहीं होता है। ये भी मानव शरीर के लिए उतना ही नुकसानदायक है। अखबार में लिपटा खाना खाने से ज्यादातर हमारा पाचन तंत्र खराब हो जाता है।
4. वैज्ञानिकों के मुताबिक जब अखबार में गर्म खाने की चीज रखी जाती है तो स्याही पिघलकर खाने में चिपक जाती है। इससे स्याही में मौजूद ग्राफाइट नामक जहेरीला तत्व खाद्य पदार्थ में मिल जाता है। इसके शरीर में जाने से किडनी एवं फेफड़े से संबंधित रोग हो सकते हैं।
5. अखबार की स्याही में खतरनाक रसायन होते हैं जीसके शरीर में जाने से हार्मोन्स का संतुलन भी बिगड़ सकता है। जिसकी वजह से प्रजनन क्षमता कमजोर हो सकती है। इससे कई बार औलाद का सुख भी छिन जाता है।
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अखबार की इंक से होता है खतरा:
आपकी मालूमात के लिए बता दें कि अखबार की इंक बनाने में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट, डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैसे रसायन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इंक के रंग को और गाढ़ा बनाने के लिए उसके अंदर बहोत सारे केमिकल मिलाये जाते हैं। आप यह जान लें कि अखबार की प्रिंटिंग मे बहोत सारे केमिकल के मिश्रण का इस्तेमाल होता है।
रसायन से नुकसान:-
जब हम अखबार का इस्तेमाल खाने के चीज़ो को लपेटने के लिए करते हैं तो उस दरमियान अखबार में मौजूद रसायन आपके खाने से चिपक जाता है। खासतौर पर जब आप कोई गर्म समोसे, पकौड़े या भठूरे जैसी चीजों को अखबार में लपेटते हैं तो उस वक़्त गर्मी की वजह से इन रसायन में मौजूद बायोएक्टिव तत्व एक्टिव हो जाते हैं और मानव शरीर के अंदर जाकर बहुत सारे नुकसान पहुचाते हैं।
कुछ शोधों में ऐसा पाया गया है कि अखबार की स्याही में मौजूद केमिकल शरीर के अंदर अधिक मात्रा में जाने से आपको कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। भारत में खाद्य पदार्थों की निगरानी रखने वाली संस्था FSSAI ने भी अखबारों के इस्तेमाल पर दिशा निर्देश जारी किये हैं और लोगों से ऐसा ना करने की अपील की है।
क्या करें :-
अगली बार जब भी आपको खाना पैक करना हो या कुछ खाना हो तो अखबार की जगह एल्युमीनियम फॉयल पेपर का इस्तेमाल करिये। ये पेपर खासतौर पर खाने को पैक करने के लिए ही बनाया गया है। अपने आस पास के लोगों को भी इस बारे में जागरूक करें और अखबारों का इस्तेमाल बंद करने के लिए कहें।
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